प्राइवेट नौकरी करने वालों को झटका, अब 9 नहीं 12 घंटे करना होगा काम; इस राज्य की सरकार ने लिया बड़ा फैसला
महाराष्ट्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए काम के घंटे बढ़ाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने नियमों में बदलाव करके कर्मचारियों के काम करने के अधिकतम घंटे 9 से बढ़ाकर 10 घंटे करने को मंजूरी दी है. इसके साथ ही काम के घंटों की सीमा धीरे-धीरे बढ़ाकर 12 घंटे तक करने की योजना है. यह बदलाव निजी कंपनियों में लागू होगा.
काम के घंटे बढ़ने का मतलब क्या होगा?
इस नए नियम के अनुसार, अब प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को रोजाना 9 घंटे की बजाय 10 घंटे तक काम करना होगा. धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 12 घंटे तक कर दिया जाएगा. इसके अलावा, आराम करने का समय भी अब 5 घंटे की बजाय 6 घंटे के बाद मिलेगा. साथ ही, ओवरटाइम की सीमा भी बढ़ाई गई है. पहले यह सीमा 115 घंटे प्रति तिमाही थी, अब इसे बढ़ाकर 144 घंटे कर दिया गया है. हालांकि ओवरटाइम के लिए कर्मचारियों की लिखित सहमति जरूरी होगी.
कर्मचारियों की चिंता: परिवार और मेंटल हेल्थ
मुंबई के कई युवा और नौकरीपेशा लोग इस फैसले से चिंतित हैं. उनका मानना है कि अगर काम के घंटे इतने बढ़ गए तो वे अपने परिवार को समय नहीं दे पाएंगे. रोज 12 घंटे काम करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता.इससे तनाव बढ़ सकता है और काम करने वालों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है. ओवरटाइम के पैसे मिलने को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या कंपनी इसका पूरा भुगतान करेगी या नहीं.
मजदूर संघ ने की बेहतर भत्तों की मांग
मुंबई के लेबरों और कर्मचारियों के लिए काम करने वाले धड़क कामगार यूनियन के अध्यक्ष अभिजीत राणे ने सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि अगर कर्मचारियों को ज्यादा समय तक काम करना पड़ेगा तो उनके लिए अतिरिक्त भत्ते और बेहतर सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएं. उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस मुद्दे पर बात करेंगे ताकि कर्मचारियों के हितों का भी ध्यान रखा जा सके. साथ ही उन्होंने सरकार से रोजगार सुरक्षा और स्टार्टअप कंपनियों को प्रोत्साहित करने की भी मांग की.